सन्नाटे बोलते हैं
अभी कुछ बोलने का वक्त नहीं है,
सुनो तो, ये राज खोलते हैं.
एक तूफ़ान गुज़रा है.
एक मुहाने पर थमा है.
सड़कों की वीरानी
माँओं की हैरानी
बापों की पेशानी
बताती है.
आसमान की रंगत
हवाओं की गर्मी
और
समय की करवट
बताती है.
कि
सन्नाटा गुज़र रहा है बिना आहट किये.
इसे टोकना नहीं गुज़र जाने दो.
ठीक नहीं इसका, ठहरना.
- वाणभट्ट
एक नाम से ज्यादा कुछ भी नहीं...पहचान का प्रतीक...सादे पन्नों पर लिख कर नाम...स्वीकारता हूँ अपने अस्तित्व को...सच के साथ हूँ...ईमानदार आवाज़ हूँ...बुराई के खिलाफ हूँ...अदना इंसान हूँ...जो सिर्फ इंसानों से मिलता है...और...सिर्फ और सिर्फ इंसानियत पर मिटता है...
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bahut badhiya ....
जवाब देंहटाएंसुन्दर !
जवाब देंहटाएंमन की उथल पुथल को शब्दों में बांधने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंअभी कुछ बोलने का वक्त नहीं है,
जवाब देंहटाएंसुनो तो, ये राज खोलते हैं.
एक तूफ़ान गुज़रा है.
एक मुहाने पर थमा है.सन्नाटे बोलते है जिन्हें आप ने शब्दों में पिरो दिया......
कि
जवाब देंहटाएंसन्नाटा गुज़र रहा है बिना आहट किये.
इसे टोकना नहीं गुज़र जाने दो.
ठीक नहीं इसका, ठहरना.
क्यूँ कि......
"सन्नाटे बोलते हैं"